Siachin Glacier : Hell for soldiers....!!! सियाचिन ग्लेशियर : सैनिको के लिये नरक !!!
आर्मी के लिए क्यों बेहद अहम है सियाचिन?
- हिमालयन रेंज में मौजूद सियाचिन ग्लेशियर वर्ल्ड का सबसे ऊंचा बैटल फील्ड है।
- 1984 से लेकर अबतक करीब 900 जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर की शहादत एवलांच और खराब मौसम के कारण ही हुई है।
- सियाचिन से चीन और पाकिस्तान दोनों पर नजर रखी जाती है। विंटर सीजन में यहां काफी एवलांच आते रहते हैं।
- सर्दियों के सीजन में यहां एवरेज 1000 सेंटीमीटर बर्फ गिरती है। मिनिमम टेम्परेचर माइनस 50 डिग्री (माइनस 140 डिग्री फॉरेनहाइट) तक हो जाता है।
- जवानों के शहीद होने की वजह ज्यादातर एवलांच, लैंड स्लाइड, ज्यादा ठंड के चलते टिश्यू ब्रेक, एल्टिट्यूड सिकनेस और पैट्रोलिंग के दौरान ज्यादा ठंड से हार्ट फेल हो जाने की वजह होती है।
- सियाचिन में फॉरवर्ड पोस्ट पर एक जवान की तैनाती 30 दिन से ज्यादा नहीं होती।
- ऑक्सीजन का स्तर पर भी यहां कम रहता है। यहां टूथपेस्ट भी जम जाता है। सही ढंग से बोलने में भी काफी मुश्किलें आती हैं.
- सैनिकों को यहां हाइपोक्सिया और हाई एल्टिट्यूड पर होने वाली बीमारियां हो जाती हैं।
- वजन घटने लगता है। भूख नहीं लगती, नींद नहीं आने की बीमारी।
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